judai shayari

judai shayari | 450+ जुदाई की शायरी आप के लिए

judai shayari – आप सभी जानते ही होंगे जुदाई का गम क्या होता हैं जिनका अभी, हाल फिलहाल मे breakup हुआ हैं वो तो बहुत ही अच्छे से समझते हैं की जुदाई क्या होती हैं

आज हम आप सभी के लिए judai shayari का latest collection ले कर आए है

ये 450+ जुदाई की शायरी आप के लिए हैं ओर सभी को बहुत पसंद आएगी

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judai shayari

जुदाई में दिल बार-बार होता है,
ना ही दिन और ना रात में सोता है.
तन्हाइयो की ऐसी आदत हो गयी,
कि ये भीड़ में भी अकेला होता है.

जुदाइया हमने दी पर हम भी रोते है,
उन सुन्हरो लम्हों में हम भी खोते है .
तुम्हे लगता होगा कि चैन से सोते होंगे हम,
पर ना तो दिन में और ना रात में सोते है.

बेशक वो मेरी हमसफ़र ना बनी
पर मेरी मोहब्बत तो वो कल भी थी
आज भी है और हमेशा रहेगी

जुदाइ में भी जीना सिखा दिया ,
बहते आसुओं को पीना सिखा दिया.
तेरे इश्क ने कमाल ही कर दिया,
फटे दिल को मेरे सीना सिखा दिया.

हम रोये ही इस कदर
उसकी जुदाई में कि
धीरे-धीरे सबने हमे
चुप कराना ही छोड़ दिया

कितनी राते बिता दी तुम्हारे बिना,
कितने दिन बिता दिए तुम्हारे बिना.
अब तक समय जो बीता सो बीता,
पर ज़िन्दगी नहीं बितानी तुम्हारे बिना.

उसके बैगैर हम
मर तो नहीं जाएँगे
मगर ये भी सच है
कि हम जी भी नहीं पाएँगे

मुझे जुदाई नहीं तुम्हारा साथ चाहिए,
तन्हाइया नहीं तुम्हारा हाथ चाहिए .
जननत के समान हमारी ज़िन्दगी होगी,
जिसमे तू मेरे और मै तेरे प्यार का रोगी .

सदियों का प्यार वो
एक पल में दे गए
और एक पल में ही वो
सदियों की जुदाई दे गए

प्यार हम दोनों को है
तो देखना जुदाइया
ज्यादा दिन टिक नहीं पाएंगी

अपने साथ से मुझे मुकम्मल कर दो,
खुद को मेरी बाहों में भर दो.
तुम-तुम ना रहो मैं-मैं ना रहू,
ऐसी खूबसूरत ज़िन्दगी का वादा कर दो.

तेरे प्यार ने मुझे जीना सिखाया
और अब तेरी जुदाई
मरते हुए कैसे जीना है
वो सिखा रही है

तेरे बगैर हम जी तो लेंगे
मगर तेरे साथ जीते
तो कुछ और ही मज़ा आता

judai shayari in hindi

सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की,
उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है.

दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है.

अब जुदाई के सफर को मेरे आसान करो,
तुम मुझे ख़्वाब में आकर न परेशान करो.

जिनसे खफा तक नहीं होते थे,
उनी से जुदा हो गये है आज हम.

जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ.

बहुत कुछ बदल गया मेरी ज़िंदगी में,
एक तेरे आने के बाद फिर जाने के बाद.

किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,
जिस्म से रूह को लेने फरिश्ते नहीं आते.

कल तक हमसे बात किये बिना,
जिसे नींद तक नहीं आती थी,
आज हमसे बात करने का,
वक्त नहीं उसके पास.

जुदाई का जहर पी लेते है,
क्योकि हम मरते नही जी रहते है.

अगर मुझसे मोहब्बत नहीं तो रोते क्यों हो,
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो,
अगर मंज़िल जुदाई है तो जाने दो मुझे,
लौट के कब आओगे पूछते क्यों हो.

उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है,
इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है.

कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे भी दिन गुजर गए मेरे भी दिन गुजर गए.

मुझे इस तन्हाई में जीना आ गया,
तेरी जुदाई ने मुझे अकेला रहना सिखा दिया

dard bhari judai shayari

उनसे जुदा होकर भी,
गुफ़्तगू उनसे रोज होती है,
सवाल भी हमारे होते हैं,
और जवाब भी।

सर्द रातों में सताती है जुदाई तेरी,
आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी,
तू तो कहता था बिछड़ के सुकून पा लेंगे,
फिर क्यों रोती है मेरे दर पे तन्हाई तेरी।

आपकी आहट दिल को बेकरार करती है,
नज़र तलाश आपको बार-बार करती है,
गिला नहीं जो हम हैं इतने दूर आपसे,
हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।

जुदाइयों के जख्म
दर्द-ए-जिंदगी ने भर दिए,
तुझे भी नींद आ गई
मुझे भी सब्र आ गया।

जुदा हो कर भी जी रहे हैं मुद्दत से,
कभी कहते थे दोनों कि जुदाई मार डालेगी।

कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे भी दिन गुजर गए मेरे भी दिन गुजर गए।

दिल जुड़ा हो तो मुलाक़ात से फिर क्या हासिल,
यूं तो सेहरा भी समंदर से मिला करते हैं।

जुदा होकर भी तुम जुदा ना हो पाए ,
तब भी दिल में थे अब भी दिल में हो समाये.
जुदाई ने तुम्हारी मुझे बेहाल कर दिया ,
अचानक चले गए ,तुमने कमाल कर दिया .

जिस चाँद के हो
हज़ारो चाहने वाले
वो क्या समझेगा
सितारे की कमी को

हमें तो तेरी जुदाई मार गयी ,
मै तो इश्क की जीती बाज़ी हार गयी.
इतना भी क्या रूठना अपने यार से ,
मनाने की तुम्हे कोशिशे बेकार गयी .

क्यू ऐसे लोग बिछड़ जाते है
जो हमारे बेहद
करीब होते है

तुमसे जुदाई का गम बहुत,
आँखे है मेरी नम बहुत .
मुझे तुम्हारी ज़रूरत है,
बची है मेरी सांसे कम बहुत.

तुझे मेरे दिल में
कुछ इस कदर दबा रखा है
कि तेरी धड़कन सिर्फ
मुझे सुनाई देते है
किसी और को नहीं

dard e judai shayari in hindi

जुदा हो कर भी जी रहे हैं मुद्दत से,
कभी कहते थे दोनों कि जुदाई मार डालेगी.

अब तो बस उनकी तस्वीरे,
हमारी ज़िन्दगी का सहारा है,
जब जब कही नाम सुनते हैं उनका,
मत पूछो कैसे वो पल हमने गुज़ारा है.

जुदा तो बहुत सारे लोग हुए हमसे,
लेकिन तुम्हारी जुदाई ने हमे,
तन्हा महसूस करा गए.

हर मुलाकात का अंजाम जुदाई क्यों है,
अब तो हर वक्त यही बात सताती है हमें.

तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती है.

जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ,
उसी ने सदियों की जुदाई दी है.

तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है.

मजबूरी में जब कोई किसी से जुदा होता है,
ये तो ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में जुदाई के आँसू,
तन्हाई में वो आपसे भी ज्यादा रोता है.

अगर जाना ही था तो,
मेरे इतना करीब क्यूँ आये.

हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ,
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ,
सुना करते थे गजलों में जुदाई की बातें,
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ.

इतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहते,
ये आलम है हमारा आप की जुदाई में.

तू क्या जाने क्या है तन्हाई,
इस टूटे दिल से पूछो क्या है जुदाई,
बेवफाई का इलजाम न दे ज़ालिम इस वक़्त,
से पूछो किस वक़्त तेरे याद न आई

dard e judai shayari

खुदा करे के तेरी उम्र में गिने जायें
वो दिन जो हमने तेरे हिज्र में गुजारे हैं

थी वस्ल में भी फ़िक्र-ए-जुदाई तमाम शब
वो आए तो भी नींद न आई तमाम शब

जाने वाले एक बात तो बता
क्या हम कभी याद भी आयेंगें

मेरी जुदाई में वो मिलकर नहीं गया
उसके बगैर मैं भी कोई मर नहीं गया

जुदाई इश्क़ का दस्तूर क्यूँ है हम नहीं समझे
मोहब्बत इस क़दर मजबूर क्यूँ है हम नहीं समझे

सफर-ए-मोहब्बत अब खत्म ही समझिए साहब
उनके रवैये से अब जुदाई की महक आने लगी है

ओ जाने वाले तुम्हें क्या ख़बर है
उधर तुम जा रहे इधर जान जा रही

होता ही यही है, जो दिल को भाता है
वही अक्सर छोड़ के चला जाता है

तेरे दर्द का यूँ असर हो रहा है
जुदाई में सारा शहर रो रहा है

तुम जा रहे हो तो ऐसा लग रहा है
जैसे सीने से दिल निकल कर जा रहा है

यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ पर
इस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ

जब तक मिले न थे जुदाई का था मलाल
अब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई

अब अगर मेल नहीं है तो जुदाई भी नहीं
बात तोड़ी भी नहीं तुमने तो बनाई भी नहीं

किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो
रूह को जिस्म से लेने फ़रिश्ते नहीं आते

उस शख्स को बिछड़ने का सलीका नहीं आया
जाते जाते खुद को मेरे पास छोड़ गया

इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है

judai shayari 2 line

मुस्कुराने कि आदत भी कितनी महेंगी पड़ी हमे
छोड़ गया वो ये सोच कर कि हम जुदाई में खुश हैं

हर मुलाकात का अंजाम जुदाई क्यों है
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमे

हर दर्द से बड़ा है दर्द जुदाई का,
एक लम्हा जीने के लिए 100 बार मरना पड़ता है

जिसकी आँखों में काटी थी सदियाँ
उसने सदियों की जुदाई दी है

कोशिश तो होती है के तेरी हर ख्वाइश पूरी करूँ
पर डर लगता है के तू ख्वाहिश में मुझसे जुदाई न मांग ले

बेवफा वक़्त था, तुम थे या मुकद्दर था मेरा
बात इतनी ही है की अंजाम जुदाई निकला

जुदा होकर भी जुदाई नहीं होती
इश्क उम्र कैद है प्यारे इसमें रिहाई नहीं होती

तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ,
यहाँ तो हर कोई अब भी, मुझे, तेरा समझता हैं

ऐ चाँद चला जा क्यो आया है मेरी चौखट पे
छोड़ गया वो शख्स जिसके धोखे में हम तुझे देखते थे

बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने
ना अब किसी को खोने का दुःख ना किसी को पाने की चाह

ना जाने मेरी मौत कैसी होगी
पर ये तो तय है तेरी जुदाई से बेहतर होंगी

जुदाई सहने का अंदाज कोई मुझसे सीखे
रोते है मगर आँखों में आँसूं नहीं होते

कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है
जुदाई के बावजूद भी तुझपे अधिकार है

कोई रूठे अगर तुमसे तो उसे फ़ौरन मना लेना
इस हाल में अक्सर जुदाई जीत जाती है

मुमकिन फैसलों में एक हिज्र का फैसला भी था
हम ने तो एक बात की उसने कमाल कर दिया

इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है

अब बुझा दो ये सिसकते हुए यादों के चिराग
इनसे कब हिज्र कि रातों में उजाला होगा

judai ki shayari

लिखता हूं सुबह शब बस मैं
तेरे मेरे मिलन की बातें,
लेकिन तेरे मेरे ज़ुदाई के ग़म
को मैं कैसे लिखूंगा।

दिल से नही जाती वो शाम
जुदाई वाली भूल गया हूँ ईद
मिट गयी है अपनी दिवाली।

बस सुना था जुदाई के
दर्द का किस्सा हमने,
आज वो गया तो जाना कि
वो तकलीफ़ कैसी है।

जो रो रही है आज मेरी जुदाई में,
कोई उनसे पूछो किसने
जान ली मेरी तनहाई में।

तमन्ना एक तरह की जान है
जो जीते जी मिल जाये,
जुदाई एक तरह की मौत है
जो मरते दम ही आये।

आजकल बड़े खुश रहते है वो
रकीब जो मिल गया पुराना,
यूं ही नहीं जुदा हुए हम
कुछ तो था जुदाई का बहाना।

क्या लिखू अपनी ज़िन्दगी के
बारे में वो जुदा हो गए
जो कभी ज़िन्दगी हुआ करते थे।

न उसमें कोई बुराई थी,
न मुझे में कोई कमी,
सब नसीबों का खेल था,
किस्मत में जुदाई थी।

रिश्तों में झगड़े चाहे लाख हों,
पर जुदाई नहीं होनी चाहिए।

तुमने कोशिश ही नहीं की
कभी हमे पाने की,
वरना वजह तो थी ही
नहीं हमारी जुदाई की।

पूरी हुई न क्यों हमारी कहानी,
मिल के भी क्यों हो गये हम जुदा।

जुदा इस तरह हो गये है
हम एक दूसरे से,
लफ्ज़ अलविदा भी ना कह सके।

judai sad shayari

वो गलियां भी बहुत रोई थी
हमारी जुदाई पर,
जिन गलियों में
तूने मेरा हाथ थामा था।

जुदाई शायरी इन हिंदी
तुझसे जुदाई की खबर
सुनी बस अभी अभी,
नायाब एक सपना और
टूटा बस अभी अभी।

कोई रूठे तो उसे जल्दी मनाया करो,
अक्सर गुरूर की जंग में
जुदाई जीत जाया करती हैं।

जब जब तुम्हें याद किया,
दर्द ने दिल को बेहाल किया,
यादें तो बहुत मीठी थी पर
वक़्त-ए-जुदाई ने बीमार किया।

आँखों में आँसू लिए
हमनें उन्हें विदा किया,
खुदा रहम करें उन पर,
जिन्होंने हमें जुदा किया।

मत किया करो
जुदा होने की बातें,
ऐसा ख्याल ही ज़हन
में तबाही मचा देता है।

पर प्यार तोह उन्होंने भी किया था,
फिर इस जुदाई से दर्द
सिर्फ हमें ही क्यों हो रहा है।

साथ के मायने कुछ हमे
भी तो पता चलते,
कि उसने तो हमे बस जुदाई
का गम ही सिखलाया है।

मंजिल तो तय की थी
उम्र भर साथ रहने की,
पर रास्ते में जुदाई
नाम का गांव आ गया।

ऐ ज़िन्दगी तू बता ये कहां आ खड़ी है,
जिधर भी देखूं जुदाई की ही घड़ी है।

कुछ इस तरह जुदा हुए तुम हमसे,
कमियाँ ढूंढने तक का मौका न दिया।

जुदाई से अनजान तो ना हैं,
फिर आज क्यों दर्द हो रहा है।

बेवफा वक़्त था तुम थे
या मुक़द्दर था मेरा,
बात इतनी ही है के
अंजाम जुदाई निकला।

ऐतबार उसकी ख़ामोशी का
किया तो क्या गुनाह किया,
देकर दर्द जुदाई का,
मेरे ज़र्रे-ज़र्रे को रुला दिया।

love judai shayari

जुदाई की आग में
इस तरह झुलस गए,
जैसे टहनियों से टूटकर
हरे पत्ते बिखर गए।

कहते है किसी की
जुदाई में कोई नहीं मरता,
पर जो हम जी रहें हैं
वो ज़िन्दगी है क्या।

ना मैं बुरा था
ना उसमे कोई बुराई थी,
बस वक़्त का खेल था
किस्मत में जुदाई थी।

तुम्हे मुहब्बत की गहराई
उस वक़्त पता चल जाएगी
जब तुम्हारे महबूब से
जुदाई का वक़्त आ जाएगा।

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें

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