Barish Sad Shayari – आज आप सभी के लिए barish sad shayari ले कर आए हैं
ये बारिश का मौसम बहुत ही रोमांटिक होता हैं उनके लिए जिनकी girlfriend होती हैं
ओर जिनकी गर्लफ्रेंड नही होती हैं या जिनका breakup हो जाता हैं उनके लिए ये बारिश उनकी याद दिलाता हैं
इन बारिशों मे कुछ न कुछ यादें होती हैं जो हमको बारिश होने पर feel होता हैं
barish sad shayari
तेरी बिन अब सोचा भी नहीं जाता,
ये बारिश मुझे तेरे बिन परेशान किए जा रही।
लोग करते होंगे Romance की बातें,
इन बारिश में हम तो बस चाय कि चुस्की लेते हैं।
अब बादल घिर कर आ गया है सर पे लगता है,
अब बरसात जोरदार होगी।
तुझ में और बारिश में एक खास बात है,
दोनों ही कभी-कभी बेवजह ज़ोर से बरसते है।
आज आसमां भी मेरे साथ कुछ उदास सा था,
बेवजह की बारिश लगातार होती जा रही है।
मेरे दिल के आँगन में उनकी यादों के बादल छाए है,
ऐ आसमानी बादल तू कहीं और जा के बरस।
पहली बारिश के बाद मिट्टी की
खुशबू की बात ही कुछ और होती है।
किसको सुनाता फिरूं मैं काबिलियत अपनी,
मैं बरसने वाला बादल हूँ गरजने वाला नहीं।
पहले बारिश में हम तुम मिलते थे,
अब तुम्हारी याद आती है तो आँसूओ कि बारिश होती है।
खो गया हूं इस मौसम में,
बिन बारिश मुझे भीगाए जा रही है।
बंजर सा लगने लगा है ये समां,
अब बरस जाओ न पहली बारिश कि तरह।
कैद न रखा कर खुद को,
सावन में बाहर बारिश में थोड़ा भीग जाया कर।
बाहर बारिश हो रही हो,
मैं तुझसे एक फ़रमाईश करू और
तू मैं और एक हसीन शाम हो।
भीगता हूं मैं बारिश में आँसूओ को छिपाने के खातिर,
कहिं गर तूने देख लिया तो जलजला आ जाएगा।
शान्त बैठा था खुले आसमान के नीचे तभी बारिश होने लगी,
मैं समझ गया मेरे दर्द को सुनकर येबादल भी रोने लगा।
ये रात क्यों गुजरती नहीं,
अब ये तेरी याद मुझे क्यों सताती नहीं,
और ऊपर से ये बरसात क्यों जाती नहीं।
इंतज़ार में है ये नदियाँ ये घटा ये धरा और मैं,
अब बरस भी जा ए गगन।
ए आसमान अब तू ही बरस जा,
धोदे नफ़रतों को अब तू हि भगवान बन जा।
sad barish shayari in hindi
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है
बे मौसम बरसात से अंदाज़ा लगता हूँ मैं
फिर किसी मासूम का दिल टुटा है मौसम-ए-बहार में
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद
काले सियाह बादलो ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे
मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे
अब जब याद आते हो तो बारिश होती है
कल रात मैंने सारे ग़म आसमान को सुना दिए
आज मैं चुप हूँ और आसमान बरस रहा है
कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घर
ढह जाता है हकीकत की बारिश में अक्सर
इस दफा तो बारिशें रूकती ही नहीं ‘फ़राज़’
हमने क्या आँसू पिए के सारे मौसम रो पड़े
बारिशें कुछ इस तरह से होती रहीं मुझ पे
ख्वाहिशें सूखती रहीं और पलकें रोतीं रहीं
चाहा था कि भीगें तेरी बारिश में हम मगर
अपने ही सुलगते हुए ख्वाबों में जले हैं
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे ‘मोसिन’
तन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती हैं
बहुत अच्छे किरदार में हैं,
ये बादल भी अब लगता है
बारिश को सबक सिखाके ही मानेंगे।
तेरा जुनून भी क्या गजब का है,
हर बार आती है और बारिश की
तरह मुझे बहाले जाती है।
देखने का नजरिया अलग-अलग,
पर बारिश का इंतज़ार किसान हो
या प्रेमी सबको रहता है।
वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा
आज फिर मौसम नम हुआ मेरी आँखों की तरह
शायद बादलो का भी दिल किसी ने तोड़ा होगा
barish sad status shayari
बस एक तेरे संग भीगे हम
मुझे उस बारिश की तलाश है
बता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादें,
बरसात बाहर भी है और भीतर भी है
अगर मेरी चाहतों के मुताबिक जमाने हर बात होती
तो बस मैं होता तुम होती और सारी रात बरसात होती
खुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर
तुम ने बूंदे हथेली में संभाल के उछली तो नहीं,
आज मेरे शहर का मिज़ाज़ कुछ सावन जैसा है
बारिश से कहो मेरा महबूब ले आये
यूँ अकेले भीगना अच्छा नहीं लगता
इस बार बरस जाये ईमान की बारिश
लोगों के जमीर पर धूल बहुत है
छोटी ही सही पर ऐसी मुलाकात हो,
हम, तुम,चाय और हल्की बरसात हो..!!
ख्वाहिशे सुखती रही और Palake भीगती रही
मारे शहर आ जाओ सदा Barsat रहती है
कभी Badal बरसते है…कभी आँखे Barsati है
पहले Barish होती थी तो याद आते थे
अब जब Yaad आते हो तो बारिश होती है
कच्ची Mitti का बना होता है उम्मीदों का घर
ढह जाता है Hakikat की बारिश में अक्सर
काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से
कि मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसू पढ़ ले
बारिश हो ही जाती है मेरे शहर में
कभी बादलों से तो कभी आँखों से
किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर
हमने खुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर
तेरे नैनो की बारिश से मैं रुई सा भीग जाता हूँ
तू रोया न कर…..मैं डूब जाता हूँ….
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का
बारिश से ज्यादा तासीर है तेरी यादों में
हम अक्सर बंद कमरे में भीग जाते हैं
लौट आई है देखो बारिशें यहाँ वहाँ
एक तुम ही को लौट आने की फुर्सत नहीं मिली
barish sad shayari hindi
जरा ठहरो की बारिश हे
यह थम जाये तो फिर जाना
किसी का तुम को छू लेना
मुझे अच्छा नहीं लगता।
कोई तो बारिश ऐसी
हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी
ऑंखें हर रोज़ बरसाती है।
पूछते हो ना मुझसे तुम हमेशा
की मे कितना प्यार करता हू तुम्हे
तो गिन लो बरसती हुई इन बूंदो को तुम।
तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम
आज के बाद
क्योंकि किचड़ हो गया है
बरसात के बाद।
मौसम का कुछ ऐसा खुमार है
मन करता चीख कर कह दू
हमको तुमसे बहुत प्यार है।
आसमान में काली घटा छाई है
आज फिर बीवी ने दो बातें सुनाई हैं
दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर
बाजूवाली आज फिर भीग कर आयी है।
तेरे इंतजार का मजा ही
कुछ और है
अरे उसके आगे तो तेरे
इस मौसम का
मजा भी कमजोर है।
सुनो महसूस करो बादल की गरज
बिजली की चमक
बारिश की एक एक बूँद
तुमसे चीख चीख कर कह रही है
आज तो नहा लो।
पिघलती बारिशों में दिल की जमी
धुली धुली सी है धुआं धुआं से मौसम में
दिल की कली खिली खिली सी है।
जब जब घिरे बादल तेरी याद आयी
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आयी
जब जब मैं भीगा मुझे तेरी याद आयी
मेरे भाई तू ने मेरी छतरी क्यों नहीं लौटायी।
कह दो बादलों से
कुछ पानी मेरी आँखों से
उधार ले जाये।
क्या मस्त मौसम आया है
हर तरफ पानी ही पानी लाया है
तुम घर से बाहर मत निकलना
वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं
और मेढक निकल आया है।
एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात,
इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाब
कितनी अजीब सी है बात,
मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात।
barish ki sad shayari
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है!
वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।
ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे
आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए
उनकी यादों की बूँदें बरसी जो फिर से,
जिन्दगी की मिट्टी महकने लगी है।
काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो
मेरी जिंदगी से,
कि मैं बारिश में भी रोऊँ और
वो मेरे आँसू पढ़ ले।
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।
बारिश में आज भीग जाने दो,
बूंदों को आज बरस जाने दो,
न रोको यूँ खुद को आज,
भीग जाने दो इस दिल को आज।
ज़रा ठेहरो के बारिश है
ये थम जाए तो फिर जाना
किसी का तुझको छु
लेना मुझे अच्छा नहीं लगता।
जो वो बरसा तो
इश्क़ होगा और मैं बरसा तो
बस अश्क होगा।
अबके बारिश में तो
ये कार-ए-ज़ियाँ होना ही था
अपनी कच्ची बस्तियों
को बे-निशाँ होना ही था।
कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना
मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी
भीगी मौसम की भीगी सी रात,
भीगी सी याद भुली हुई बात,
भुला हुआ वक्त वो भीगी सी आँखें,
वो बीता हुआ साथ,
मुबारक हो आपको साल की पहली बरसात।
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर।
कैसी बीती रात किसी से मत कहना,
सपनो वाली बात किसी से मत कहना,
कैसे उठे बादल और कहां जाकर टकराए,
कैसी हुई बरसात किसी से मत कहना!
Barish sad shayari 2 line
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते-चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या-क्या परेशानी हुई
हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को
मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ
ज़रा ठहरो , बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता
दुआ बारिश की करते हो मगर छतरी नहीं
रखते, भरोसा है, नहीं तुमको खुदा पर क्या जरा सा भी
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ!
जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!
हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
आज बादल काले घने हैं
आज चाँद पे लाखों पहरे हैं
कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के
बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं
बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।
ब्यूटीफुल बारिश शायरी
ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए,
बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए।
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